वृहद श्राद्ध: पूर्वजों के सम्मान का प्रतीक

वृहद श्राद्ध एक प्रमुख श्राद्ध कर्म है, जिसे पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए किया जाता है। इस अनुष्ठान में श्रद्धालु अपने पूर्वजों के लिए पिंडदान करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। वृहद श्राद्ध का अनुष्ठान विशेषकर पितृ पक्ष के दौरान किया जाता है और इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है।

वृहद श्राद्ध का महत्व

वृहद श्राद्ध का अनुष्ठान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति और मोक्ष प्राप्त होता है। इस अनुष्ठान का अनुष्ठान करने से दिवंगत आत्मा को शांति मिलती है और वह अपने अगले जन्म के लिए तैयार हो जाती है। वृहद श्राद्ध का अनुष्ठान विशेषकर पितृ पक्ष के दौरान किया जाता है और इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है।

वृहद श्राद्ध के लाभ

वृहद श्राद्ध का अनुष्ठान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति और मोक्ष प्राप्त होता है। इस अनुष्ठान का अनुष्ठान करने से दिवंगत आत्मा को शांति मिलती है और वह अपने अगले जन्म के लिए तैयार हो जाती है। वृहद श्राद्ध का अनुष्ठान विशेषकर पितृ पक्ष के दौरान किया जाता है और इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है।

वृहद श्राद्ध की विधि

वृहद श्राद्ध का अनुष्ठान अत्यंत विस्तृत और विशिष्ट होता है। इसमें विभिन्न मंत्रों और अनुष्ठानों का पालन करना आवश्यक होता है। पूजा की शुरुआत गणेश पूजन से होती है, जिसके बाद पितृ देवता का आवाहन किया जाता है। पितृ देवता को प्रतीक रूप में स्थापित किया जाता है और उनके समक्ष अन्न और जल अर्पित किया जाता है। इसके बाद, विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है, जो आत्मा की शांति के लिए होते हैं।

वृहद श्राद्ध के सामग्री

वृहद श्राद्ध के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  • चावल
  • तिल
  • पवित्र जल

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